क्या आपके डेबिट और क्रेडिट कार्ड के लिए बदल जाएगा तरीका? आरबीआई का नया नियम

डेबिट और क्रेडिट कार्ड उपयोगकर्ताओं के लिए नए कार्ड-ऑन-फाइल टोकनाइजेशन (CoFT) के तहत नियमों में परिवर्तन की घोषणा की गई है।

टोकनाइजेशन प्रक्रिया के तहत, कार्ड के माध्यम से ट्रांजैक्शन के लिए एक यूनिक कोड जेनरेट होता है, जिससे ग्राहक के कार्ड की जानकारी सुरक्षित रहती है।

इस प्रक्रिया से क्रेडिट या डेबिट कार्ड की जानकारी को सुरक्षित रखा जा सकता है, और साइबर धोखाधड़ी से बचाव हो सकता है।

ग्राहक को पेमेंट के लिए केवल 16 अंकों का कोड प्रदान करना होता है, जिससे उन्हें कार्ड की अन्य विवरणों की आवश्यकता नहीं होती।

केंद्रीय रिजर्व बैंक ने सितंबर 2021 में CoFT की शुरुआत की और इसे 1 अक्टूबर, 2022 को लागू किया गया।

अब तक 56 करोड़ से अधिक टोकन बनाए गए हैं, और उन पर ₹5 लाख करोड़ से अधिक की मूल्य की ट्रांजैक्शन की गई हैं, जिससे इसकी महत्वपूर्ण भूमिका हो रही है।

CoFT के लागू होने से ग्राहकों के डेबिट और क्रेडिट कार्ड की सुरक्षा को बढ़ावा मिलेगा, जिससे उनके वित्तीय डेटा को सुरक्षित रखने में मदद मिलेगी।